यह पौधा अलग-अलग रंगों में पाया जाता है पर मुख्यत: नीले-जामुनी फूल वाली इसकी किस्म सबसे ज्यादा दिखाई देती है. मैंने अपनी बालकनी में गुलाबी और नीले-जामुनी फूलों वाले पौधों को लगाया हुआ है जिनमें इस गर्मी के मौसम में बहुत सुंदर फूल खिल रहे हैं
Tuesday, April 22, 2014
डेजर्ट पिटूनिया / मैक्सिकन पिटूनिया
Mexican Petunia या Desert Petunia एक झाड़ीनुमा छोटा सा पौधा होता है. गर्मी और बरसात के मौसम में यह पौधा हरा-भरा रहता है और फूल देता रहता है. इसे आसानी से छोटे गमलों में उगाया जा सकता है. बीज से यह पौधा बहुत जल्दी लगता है पर इसे कलम से भी लगाया जा सकता है. इसे देखभाल की बहुत कम जरूरत होती है और पानी की भी आवश्यकता कम होती है. यह गर्म और सूखे मौसम के लिए उपयुक्त पौधा है. तेज गर्मी में जब दूसरे फूलों वाले पौधे मुरझा जाते हैं और फूल मुश्किल से आते हैं तब भी यह फूलों से भरा हुआ रहता है.
Monday, April 21, 2014
गमले में ककड़ी कैसे उगाएं
काफी समय से इंटरनेट पर फूल-पौधों के अलावा छत पर सब्जियां उगाने के बारे में पढ़ रहा था. बड़े शहरों में ये शौक बड़ी तेजी से उभर रहा है. आजकल सब्जियां जहां दिनोंदिन महंगी होती जा रही हैं वहीं कीटनाशक रहित ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने का चलन बढ़ रहा है इसे रूफटॉप किचन गार्डनिंग के रूप में भी जाना जाता है. कई जगह पर लोग शौक से आगे बढ़कर व्यावसायिक रूप से सब्जियों और फलों का उत्पादन भवनों की छतों पर कर रहे हैं. गर्मियों में इसका फायदा एक यह भी है कि यह प्राकृतिक रूप से घरों का तापमान कम करने में भी मदद करता है.
पिछले फरवरी में ककड़ी( Long Cucumber ) के कुछ बीज छोटे गमलों में बतौर प्रयोग बोये गये थे जिन्होंने दो माह से भी कम समय में परिपक्व होकर फल देना शुरू कर दिया है. हालांकि उत्पादन बहुत तो नहीं है पर अपने हाथों उगायी ककड़ी का स्वाद ही अलग है. ककड़ी उगाने के लिए एक मध्यम आकार का गमला पर्याप्त होता है. एक गमले में ककड़ी की दो बेलें लगायी जा सकती हैं. बस उनमें थोड़ी दूरी रखना होगी. यदि गमला छोटा हो तो एक ही बेल लगाएं. बीज बोने के सप्ताह भर में पौधा निकल आता है और तेजी से बढ़ता है. पौधा निकलने के कुछ दिनों बाद गुड़ाई करनी चाहिए. पानी बहुत ज्यादा नहीं देना चाहिए. ककड़ी की बेल को पर्याप्त धूप चाहिए. इसे रस्सियों के सहारे ऊपर तक चढ़ाएं या लकड़ी की टूटी टहनियों या बांस की खपच्चियों का ढेर जैसा बनाकर उस पर फैला दें. छत पर बेल को ना गिरने दें. बेल बोने के दो माह से भी कम समय में ककड़ी देने लगती है. इसे फरवरी-मार्च में बोना चाहिए जब गर्मी अधिक ना हो. तो यदि आपके पास थोड़ी खुली जगह है तो आप आसानी से टैरेस पर या बालकनी में ही ककड़ी उगा सकते हैं.
पिछले फरवरी में ककड़ी( Long Cucumber ) के कुछ बीज छोटे गमलों में बतौर प्रयोग बोये गये थे जिन्होंने दो माह से भी कम समय में परिपक्व होकर फल देना शुरू कर दिया है. हालांकि उत्पादन बहुत तो नहीं है पर अपने हाथों उगायी ककड़ी का स्वाद ही अलग है. ककड़ी उगाने के लिए एक मध्यम आकार का गमला पर्याप्त होता है. एक गमले में ककड़ी की दो बेलें लगायी जा सकती हैं. बस उनमें थोड़ी दूरी रखना होगी. यदि गमला छोटा हो तो एक ही बेल लगाएं. बीज बोने के सप्ताह भर में पौधा निकल आता है और तेजी से बढ़ता है. पौधा निकलने के कुछ दिनों बाद गुड़ाई करनी चाहिए. पानी बहुत ज्यादा नहीं देना चाहिए. ककड़ी की बेल को पर्याप्त धूप चाहिए. इसे रस्सियों के सहारे ऊपर तक चढ़ाएं या लकड़ी की टूटी टहनियों या बांस की खपच्चियों का ढेर जैसा बनाकर उस पर फैला दें. छत पर बेल को ना गिरने दें. बेल बोने के दो माह से भी कम समय में ककड़ी देने लगती है. इसे फरवरी-मार्च में बोना चाहिए जब गर्मी अधिक ना हो. तो यदि आपके पास थोड़ी खुली जगह है तो आप आसानी से टैरेस पर या बालकनी में ही ककड़ी उगा सकते हैं.
खूबसूरत सदाबहार
जानकारी- सालभर फूल देने वाला यह पौधा ज्यादातर घरों में या बगीचों में देखा जा सकता है. इसे हिन्दी में सदाबहार, बारामासी, सदाफूली इत्यादि नामों से जाना जाता है अंग्रेजी में इसे Vinca, Vinca Rosea, Perivincle, Evergreen आदि नामों से पहचानते हैं.
मूलत: गुलाबी और सफेद रंगों में पाया जाने वाला यह पौधा आजकल कई रंगों में मिल जाता है जिसे Hybrid Vinca के नाम से जानते हैं.
देखभाल- यह एक छोटे आकार का पौधा होता है जिसे आसानी से छोटे गमलों में उगाया जा सकता है. इस पौधे को विशेष देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है. खुली धूप में यह पौधा खिला हुआ रहता है. पानी की भी इसे कम ही आवश्यकता होती है.
खासियत- गुलाबी और सफेद रंग की इसकी किस्में जो कि बहुतायत में पायी जाती हैं, उन्हें औषधि के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है. डायबिटीज के अलावा अन्य कई बीमारियों के लिए इस पौधे से आयुर्वेद में औषधियां बनाई जाती हैं.
मैंने अपने टैरेस गार्डन में कुछ गमलों में इसके तैयार पौधे लगाये थे जो कि अब खूब फूल दे रहे हैं....कुछ झलकियां उपलब्ध हैं-
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