बहुत पहले हमारे जैसे घरों में कुछेक ही पौधे लगाये जाते थे जिनमें तुलसी, केला जैसे धार्मिक महत्व के पौधों से शुरूआत होकर कुछ सदाबहार पौधे भी होते जो साल भर फूल देते रहते, बहुत से घरों में बुजुर्गों द्वारा पूजा-पाठ के लिए फूलों की जरूरत के हिसाब से कुछ पौधे गमलों में रखे जाते थे, उस समय गुलाब उगाना बहुत शान की बात समझी जाती थी, उसमें भी केवल देशी लाल रंग का गुलाब ही मिलता था, अंग्रेजी या दूसरी किस्मों के गुलाब तो बहुत ही दुर्लभ थे...
पर आजकल देशी और उससे भी ज्यादा विदेशी पौधों का बागबानी में बोलबाला है, हर मौसम के तैयार पौधे नर्सरी में उपलब्ध मिलते हैं और स्थाई पौधों के अलावा आपके बगीचे की सुंदरता बढ़ाने के साथ साथ नयापन लाने में भी सहायक होते हैं...
पिछले साल पहली बार ही एक मित्र के साथ कुछ नर्सरियों में जाना हुआ तब से ही टैरेस पर नये-नये पौधे लगाने की धुन सवार हुई, नर्सरी में सबसे अच्छी बात है कि गमले में पौधे लगे हुए तैयार मिलते हैं जिन्हें लाकर केवल यथास्थान रखना होता है, पर केवल इतना करने भर से मन नहीं भरता, पौधों की नयी-नयी किस्मों की खोज और बगीचों की सैर और गार्डनिंग से जुड़े लोगों से मिलकर जानकारी बढ़ाते रहना अच्छा लगता है, पौधों को कब खाद-पानी देना है, कब गुड़ाई करना है ये धीरे-धीरे सीखने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है....
इस ब्लॉग की शुरूआत का कारण रहा इंटरनेट पर पेड़-पौधों से संबंधित जानकारी ढूंढ़ने से, अंग्रेजी में तो इस विषय पर बहुत सारे ब्लॉग, ग्रुप, फेसबुक पेज आदि उपलब्ध हैं पर हिन्दी में इस विषय पर सामग्री बहुत ही कम उपलब्ध है और है तो गुणवत्तापूर्ण नहीं सो खुद ही इस बारे में पहल करनी पड़ी, फिलहाल तो यह ब्लॉग स्वांत:सुखाय टाइप ही लिखते रहने की योजना है पर इस विधा से संबंधित जानकारी देने का भी सतत प्रयास यहां बना रहेगा
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बढ़िया है शुरुआत। जारी रखा जाये। बधाई।
ReplyDeleteder aaye durusat aaye...:)
ReplyDeletebadiya kiya...:)
हमारी शुभकामनाएं - एक शंका "बागबानी" है या "बागवानी"
ReplyDeleteVery Nice...Congrats!
ReplyDeleteबहुत अच्छा शौक है । पहले हम भी घर की बालकनी में कई पौधे रखते थे ।
ReplyDeleteGood Idea....
ReplyDeleteआपकी बात बिलकूल मेरी आपबिती जैसी है.....बढिया प्रयास है और इसे जारी रखीए.... मुझे काफी मदद मिलेगी :)
ReplyDeleteहिन्दी में बहुत से लोगों को मदद मिलेगी....शुक्रिया सर.
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